गूगल पे से सावधान आपके पर्सनल डाटा को कर रहा है स्टोर, दिल्ली हाई कोर्ट में 14 को होगी सुनवाई

Kailash
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अगर आप गूगल पे से पेमेंट किसी को देते या लेते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। गूगल पे आपका पर्सनल डाटा अपने पास स्टोर कर रहा है। इस तरह का आरोप दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका में लगाया गया है।

रेगुलेटर के नियमों का उल्लंघन

दिल्ली हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका (PIL) में अभिजीत मिश्रा ने आरोप लगाया है कि गूगल का ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम जी पे विभिन्न रेगुलेटर नियमों का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि कंपनी ग्राहकों के आधार और बैंक से जुड़ी जानकारी ले रही है और उसे अपने पास जमा कर रही है। यह प्राइवेसी के अधिकार का उल्लंघन है। इन सूचनाओं का वह उपयोग कर रहा है।

सभी जानकारी देने को कहा

जज विभु बाखरू और प्रतीक जालान की पीठ के पास यह याचिका है। पीठ ने अभिजीत मिश्रा से हलफनामा दायर कर उनकी तरफ से पहले जी पे समेत अन्य मामलों में दी गई सभी जनहित याचिकाओं के बारे में जानकारी देने को कहा है। साथ ही प्रत्येक याचिका की स्थिति के बारे में बताने को कहा है। याचिका पर अगली सुनवाई 14 जनवरी, 2021 को होगी।

विभिन्न कानूनों का भी पालन नहीं

मिश्रा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि जी पे आधार कानून 2016, पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम कानून 2007 और बैंकिंग नियमन कानून 1949 का कथित रूप से उल्लंघन कर रहा है। साथ ही यह आधार डाटा हासिल कर रहा है। याचिका में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के आधार कानून के नियमों के उल्लंघन को लेकर जी पे के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

ग्राहकों का पसंदीदा पेमेंट ऐप है

बता दें कि गूगल पे भारत में पेमेंट भेजने और प्राप्त करने का एक सिस्टम है। बड़े पैमाने पर यह ग्राहकों का पसंदीदा पेमेंट सिस्टम है। इस सिस्टम के लिए आपको केवाईसी और अन्य जानकारी देनी होती है। गूगल तीसरी विदेशी कंपनी है जिसके खिलाफ इस तरह के रेगुलेटर के नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है। गुरुवार को ही दो दिग्गज विदेशी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ रिजर्व बैंक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कार्रवाई करने का आदेश सरकार ने दिया है।

यह कार्रवाई एफडीआई नियमों के उल्लंधन के मामले में की जाएगी। इसमें सरकार ने व्यापारियों की संस्था कैट की मांग पर जांच करने का आदेश दिया है

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