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World Cup में आर अश्विन की सरप्राइज एंट्री, अक्षर को किया रिप्लेस, 12 साल पहले की यादें होंगी ताजा

  World Cup 2023 की शुरुआत में हफ्तेभर का समय है और टीम इंडिया के स्टार स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) की तकदीर उनपर मुस्कुराती चुकी है. वो अश्विन जो वनडे क्रिकेट से दूर होते नजर आ रहे थे, अब वर्ल्ड कप में सरप्राइज एंट्री मार चुके हैं. इस बात की पुष्टि आईसीसी ने एक्स पर की. एशिया कप के दौरान टीम इंडिया के हरफनमौला खिलाड़ी अक्षर पटेल इंजरी का शिकार हो गए थे, जिसके चलते अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका मिला. सीरीज के बाद अब अश्विन को वर्ल्ड कप स्क्वाड में भी जगह मिल चुकी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले अश्विन ने आखिरी वनडे जनवरी 2022 में खेला था. उन्होंने 1.5 साल बाद वनडे में वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को अपनी फिरकी से परेशान किया. उन्होंने कंगारू टीम के खिलाफ 2 मैच खेले जिसमें उन्होंने 4 विकेट अपने नाम किए थे. अश्विन के अलावा युवा ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर को भी आजमाया जा रहा था लेकिन इस जंग में अनुभव को प्राथमिकता दी गई है. आईसीसी ने सभी टीमों के लिए स्क्वाड बदलने की आखिरी तारीख 28 सितंबर रखी थी. भारत ने समय रहते वर्ल्ड कप में बदलाव कर दिया है. 2011 वर्ल्ड कप
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कनाडा के खालिस्तानी राग से बिगड़े रिश्ते, भारत के एक कदम हटते ही होगा अरबों डॉलर का नुकसान

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक रिश्ते की शुरुआत 1947 में हुई थी। इस तरह से भारत और कनाडा के रिश्ते 76 साल पुराने हैं। हालांकि कनाडा में खालिस्तानियों को सरकार का संरक्षण नई बात नहीं है। 1984 में खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकवादियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट को बम धमाके से उड़ा दिया था। इसकी वजह से भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का दौर आया था। उस समय की कनाडा की सरकार भी खालिस्तानी आतंकवादियों को संरक्षण दे रही थी। 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कनाडा की यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्ते रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर पहुंचे। चीन की बढ़ती ताकत की वजह से भी कनाडा ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर ध्यान दिया। भारत के साथ रिश्ते खराब होने से कनाडा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि मौजूदा विश्व व्यवस्था में भारत के कद को देखते हुए उसके पश्चिमी सहयोगी भी भारत के खिलाफ बोलने से हिचकेंगे कनाडा को आर्थिक मोर्चे पर भी बडी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 7 लाख सिख आबादी का राजनीतिक असर 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा में भारतीय मूल के लगभग 14 लाख लोग रह रहे हैं। ये कनाडा की कुल आब

Ministry of Education: बोर्ड परीक्षाओं में हुए बड़े बदलाव, अब दो बार होंगे एग्जाम, 'बेस्ट स्कोर' होगा फाइनल

देश भर के स्कूलों में सीनियर क्लासेस के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर। केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा को लेकर बड़े बदलावों की घोषणा की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा-परीक्षा को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। मंत्रालय द्वारा आज यानी बुधवार, 23 अगस्त जारी अपडेट के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन अब वर्ष में दो बार किया जाएगा। साथ ही, स्टूडेंट्स को छूट दी जाएगी कि वे दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से बेस्ट मार्क्स को फाइनल मान सकते हैं। इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने बोर्डों से कहा है कि वे ऑन-डिमांड परीक्षाओं को आयोजित करने की क्षमता विकसित करें।  बता दें कि अभी तक केंद्रीय बोर्ड हो या राज्यों के बोर्ड सभी की परीक्षाएं वर्ष में एक बार ही आयोजित की जाती हैं। हालांकि, स्कूलों द्वारा इंटर्नल एसेंसमेंट और अर्ध-वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ द्वारा साझा किए गए एक अपडेट के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने नए एग्जाम पैटर्न आधारित बोर्ड परीक्षाएं स्टूडेंट्स की विषयों को लेकर समझ (Understanding) और उनकी प

चांद पर चंद्रयान बोला- मैं अपनी मंजिल पर पहुंचा:साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश, PM बोले- अब चंदा मामा दूर के नहीं

चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है। उसने 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया। 5 बजकर 30 मिनट पर शुरुआत में रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही। इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की। तब उसकी चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी।आखिरकार लैंडर ने 6 बजकर 04 मिनट पर चांद पर पहला कदम रखा। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। चांद के किसी भी हिस्से में यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन को ही यह कामयाबी मिली है।अब सभी को विक्रम लैंडर से प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का इंतजार है। धूल का गुबार शांत होने के बाद यह बाहर आएगा। इसमें करीब 1 घंटा 50 मिनट लगेगा। इसके बाद विक्रम और प्रज्ञान एक-दूसरे की फोटो खींचेंगे और पृथ्वी पर भेजेंगे। मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। य

चंद्रयान-3 के लिए अगले 34 घंटे अहम हैं, जिसका 140 करोड़ भारतीय बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

   इसरो के मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए पूरा भारत बेसब्री से इंतजार कर रहा है। भारत के लिए अगले 36 घाटे काफी अहम है। बेंगलुरू से पूरे मिशन को कमांड दी जा रही है। अंतरिक्ष से एक अच्छी खबर यह भी है कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद के ऑर्बिट में चंद्रयान-3 का स्वागत किया है। मिशन चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर भारत के वैज्ञानिक काफी ज्यादा सतर्क हैं। चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटिक है। लैंडिंग के लिए सुरक्षित जगह तलाशने के बाद चंद्रयान-3 डीसेंट ऑपरेशन शुरू करेगा। जब तक लैंडिंग के लिए सही और सुरक्षित जगह नहीं मिलती तब तक इंतजार किया जाएगा। आइए जानते हैं मिशन चंद्रयान-3 से जुड़ी कुछ खास बातें, जिन्हें हर किसी को पता होना चाहिए। सबसे करीबी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3 लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सबसे करीबी कक्षा में पहुंच चुका है। 140 करोड़ भारतीय उस क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जब बुधवार 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार शाम छह बजकर चार मिनट पर लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा। सॉफ्ट लैंडिंग

राजस्थान चुनाव 2023: बीजेपी की योजना है और बहुमत हासिल करने के लिए सांसदों को मैदान में उतारेगी.

राजस्थान में कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुमत से अधिक सीटें जीतने को लेकर भाजपा ने रणनीति तय की है। भाजपा चाहती है कि दो सौ सदस्यीय विधानसभा में 130 से 140 सीटों पर जीत सुनिश्चित की जाए। इसी रणनीति के तहत आधा दर्जन सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़वाने पर विचार किया जा रहा है। इस बारे में सांसदों को संकेत दे दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी की ओर से करवाए गए सर्वे के बाद 77 विधानसभा सीटों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इनमें से 58 सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा पिछले एक से दो चुनाव में हारी है। जातिगत समीकरण साधने को लेकर रणनीति इनमें से अधिकांश सीटें जीतने के लिए भाजपा ने जातिगत समीकरण साधने को लेकर रणनीति तय की है। इसके तहत विभिन्न जातियों में प्रभाव रखने वाले पार्टी नेताओं को विधानसभा क्षेत्रवार जिम्मेदारी सौंपी गई है। विभिन्न समाजों के बड़े नेताओं एवं संगठनों को साथ लिया जा रहा है। तीन बड़े सर्वे करवाए राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान से जुड़े एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने पिछले छह महीने में तीन बड़े सर्वे करवाए हैं। इनमें में दो सर्वे एक निजी एजेंसी

यूपी में सभी सीटों पर नहीं; इन चौथाई सीटों पर ही फोकस करेगी कांग्रेस- लगाया यह गणित

आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने अस्तित्व काे बनाए रखने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल अपनी परंपरागत सीट रायबरेली पर ही जीत का स्वाद चख सकी थी। सोनिया गांधी की एकमात्र जीत की खुशी से ज्यादा पार्टी के लिए घटते जनाधार की चिंता थी। इस बार कांग्रेस प्रदेश की एक चौथाई सीटों पर ही फोकस करेगी। 20 से 22 सीटों पर ही दावेदारी करने का अनुमान इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) को ध्यान में रखकर कांग्रेस चुनिंदा सीटों पर पूरी ताकत से लड़ने की तैयारी में है। इसके पीछे सहयोगी दलों से तालमेल बिठाना भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी 20 से 22 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकेगी। इनमें रायबरेली व अमेठी के साथ ही उसका जोर वाराणसी, महाराजगंज, कुशीनगर, फैजाबाद, डुमरियागंज, बांसगांव, गोंडा, श्रावस्ती, शाहजहांपुर, खीरी, कानपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, फर्रुखाबाद, बाराबंकी व मुरादाबाद समेत कुछ अन्य सीटों पर होगा। कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठ