PF Withdrawal इलाज, शादी या घर बनवाने के लिए निकाल रहे हैं पीएफ से पैसा, जानिए कितनी है लिमिट
पीएफ से पैसा निकालने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इससे जुड़े नियम जानना जरूरी है। ताकि पीएफ से पैसा निकालने में आपको ज्यादा परेशानी न हो। पीएफ में जमा राशि को कर्मचारी आपातकालीन जरूरत के लिए निकाल सकते हैं। अलग-अलग जरूरत के लिए पीएफ से पैसा निकालने की लिमिट है। इस आर्टिकल में हम आपको इनके बारे में डिटेल में जानकारी दे रहे हैं।
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के रिटायमेंट को बेहतर करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की स्थापना की गई। कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट फंड जुटाने के लिए हर महीने कंपनी और कर्मचारी PF (Provident Fund) में बराबर रकम जमा करते हैं। इस पर सरकार सालाना ब्याज भी देती है। वर्तमान पर पीएफ में ब्याज की दर 8.15 प्रतिशत है।
जैसा कि हमने बताया ईपीएफ में जमा होने वाली यह रकम रिटायरमेंट फंड है लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे निकाला जा सकता है। सरकार ने हर जरूरत के लिए रकम निकालने के लिए कुछ नियम बनाए हैं। अगर आप भी पीएफ से निकासी की योजना बना रहे हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि किस मद से कितना पैसा निकाला जा सकता है।
PF से कब-कितना पैसा निकाला जा सकता है?
पीएफ फंड से कर्मचारी एक साथ पूरा और आंशिक रूप से फंड की निकासी कर सकते हैं। इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
pf withdrawal guidelines
- कर्मचारी के रिटायर होने पर एक साथ पूरी रकम निकाली जा सकती है।
- अगर कर्मचारी एक महीने या उससे ज्यादा समय से बेरोजगार है तो वह पीएफ रकम का 75 प्रतिशत निकाल सकता है। बचे हुए 25 प्रतिशत रकम को वह बेरोजगारी की स्थिति में अगले दो महीने में निकाल सकता है।
आंशिक फंड निकालने के लिए नियम (partial fund pf withdrawal guidelines )
आंशिक फंड को कर्मचारी अपनी इमरजेंसी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। सरकार ने अलग-अलग जरूरत में कितनी रकम निकाली जा सकती है इसके लिए कुछ नियम बनाए हैं।
इलाज के लिए : अगर आप मेडिकल इमरजेंसी के लिए पीएफ फंड की निकासी करना चाहते हैं तो आप मूल वेतन के छह गुना रकम या फिर पीएफ में कर्मचारी के हिस्से में कुल जमा और ब्याज राशि में से जो भी कम होगा, उतनी ही रकम निकाल सकते हैं। इस मद से कर्मचारी अपने, बच्चों, पति या पत्नी और माता-पिता के इलाज के लिए रकम की निकासी कर सकता है।
शादी के लिए : अगर शादी के लिए पीएफ से पैसा निकाल रहे हैं तो इसके लिए 7 साल की सर्विस होनी जरूरी है। कर्मचारी अपनी, बेटे या बेटी, भाई या बहन की शादी के लिए पैसे निकाल सकता है। राशि की बात करें तो कर्मचारी अपने हिस्से के कुल जमा का 50 प्रतिशत रकम ही निकाल सकता है।
पढ़ाई के लिए : अकाउंट होल्डर अपनी या फिर बच्चों की पढ़ाई के लिए पीएफ में कर्मचारी के हिस्से का कुल 50 प्रतिशत रकम ही निकाल सकता है। इसके साथ ही उसकी 7 साल की सर्विस होना अनिवार्य है।
इसके साथ ही कुछ शर्ते और है, जिनमें घर या जमीन कर्मचारी के नाम या फिर पति-पत्नी के संयुक्त नाम से होना चाहिए। पूरी सर्विस के दौरान सिर्फ एक बार जमीन या घर खरीदने के लिए पैसा निकाला जा सकता है। पैसा निकाले जाने के बाद 6 महीने के अंतर घर का निर्माण शुरू होना जाना चाहिए और 12 महीने में निर्माण खत्म हो जाना चाहिए।
होम लोन रिपेमेंट के लिए: पीएफ फंड से होम लोन चुकाने के लिए भी रकम की निकासी की जा सकती है। इसके लिए दस साल की सर्विस होना जरूरी है। इसके लिए कर्मचारी अपने बेसिक और महंगाई भत्ते का 36 गुना रकम निकाल सकते हैं। इसके साथ ही पीएफ में जमा कुल राशि की निकासी भी की जा सकती है। या फिर कर्मचारी होम लोन का कुल बकाया प्रिंसिपल और ब्याज के बराबर रकम निकाल सकते हैं।
होम लोन रिपेमेंट के लिए पैसा निकाल रहे हैं तो यह होम लोन कर्मचारी या पति-पत्नी दोनों के नाम होना चाहिए। कर्मचारी के अकाउंट में कुल रकम 20 हजार रुपये से ज्यादा होनी चाहिए। इसके साथ ही कर्मचारी को ईपीएफओ को होम लोन से जुड़े डॉक्यूमेंट सब्मिट करने होंगे।
होम रिनोवेशन : कर्मचारी हाउस रिनोवेशन के लिए भी पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं। इसके लिए वह अपनी बेसिक और महंगाई भत्ते का 12 गुना पैसा निकाल सकते हैं। इसके साथ ही कुल लागत या फिर पीएफ में जमा कर्मचारी के शेयर और ब्याज का पैसा निकाल सकते हैं। यह प्रॉपर्टी कर्मचारी के नाम या फिर पति-पत्नी दोनों के नाम होनी चाहिए। इस मद के लिए पैसा निकलने के लिए घर को बने पांच साल पूरे होने भी जरूरी हैं।
रिटायरमेंट से पहले आंशिक निकासी: कर्मचारी की उम्र 58 वर्ष पूरी हो गई हो, तो वह रिटायरमेंट से एक साल पहले पीएफ में जमा कुल राशि का 90 प्रतिशत रकम निकाल सकता है।