Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2023

World Cup में आर अश्विन की सरप्राइज एंट्री, अक्षर को किया रिप्लेस, 12 साल पहले की यादें होंगी ताजा

  World Cup 2023 की शुरुआत में हफ्तेभर का समय है और टीम इंडिया के स्टार स्पिनर आर अश्विन (R Ashwin) की तकदीर उनपर मुस्कुराती चुकी है. वो अश्विन जो वनडे क्रिकेट से दूर होते नजर आ रहे थे, अब वर्ल्ड कप में सरप्राइज एंट्री मार चुके हैं. इस बात की पुष्टि आईसीसी ने एक्स पर की. एशिया कप के दौरान टीम इंडिया के हरफनमौला खिलाड़ी अक्षर पटेल इंजरी का शिकार हो गए थे, जिसके चलते अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका मिला. सीरीज के बाद अब अश्विन को वर्ल्ड कप स्क्वाड में भी जगह मिल चुकी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले अश्विन ने आखिरी वनडे जनवरी 2022 में खेला था. उन्होंने 1.5 साल बाद वनडे में वापसी की और ऑस्ट्रेलिया को अपनी फिरकी से परेशान किया. उन्होंने कंगारू टीम के खिलाफ 2 मैच खेले जिसमें उन्होंने 4 विकेट अपने नाम किए थे. अश्विन के अलावा युवा ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर को भी आजमाया जा रहा था लेकिन इस जंग में अनुभव को प्राथमिकता दी गई है. आईसीसी ने सभी टीमों के लिए स्क्वाड बदलने की आखिरी तारीख 28 सितंबर रखी थी. भारत ने समय रहते वर्ल्ड कप में बदलाव कर दिया है. 2011 वर्ल्ड कप

कनाडा के खालिस्तानी राग से बिगड़े रिश्ते, भारत के एक कदम हटते ही होगा अरबों डॉलर का नुकसान

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक रिश्ते की शुरुआत 1947 में हुई थी। इस तरह से भारत और कनाडा के रिश्ते 76 साल पुराने हैं। हालांकि कनाडा में खालिस्तानियों को सरकार का संरक्षण नई बात नहीं है। 1984 में खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकवादियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट को बम धमाके से उड़ा दिया था। इसकी वजह से भी दोनों देशों के रिश्तों में तनाव का दौर आया था। उस समय की कनाडा की सरकार भी खालिस्तानी आतंकवादियों को संरक्षण दे रही थी। 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कनाडा की यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्ते रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर पहुंचे। चीन की बढ़ती ताकत की वजह से भी कनाडा ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर ध्यान दिया। भारत के साथ रिश्ते खराब होने से कनाडा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि मौजूदा विश्व व्यवस्था में भारत के कद को देखते हुए उसके पश्चिमी सहयोगी भी भारत के खिलाफ बोलने से हिचकेंगे कनाडा को आर्थिक मोर्चे पर भी बडी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 7 लाख सिख आबादी का राजनीतिक असर 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा में भारतीय मूल के लगभग 14 लाख लोग रह रहे हैं। ये कनाडा की कुल आब