यूपी में सभी सीटों पर नहीं; इन चौथाई सीटों पर ही फोकस करेगी कांग्रेस- लगाया यह गणित

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आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने अस्तित्व काे बनाए रखने के लिए पुरजोर कोशिश करेगी। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल अपनी परंपरागत सीट रायबरेली पर ही जीत का स्वाद चख सकी थी। सोनिया गांधी की एकमात्र जीत की खुशी से ज्यादा पार्टी के लिए घटते जनाधार की चिंता थी। इस बार कांग्रेस प्रदेश की एक चौथाई सीटों पर ही फोकस करेगी।

20 से 22 सीटों पर ही दावेदारी करने का अनुमान

इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) को ध्यान में रखकर कांग्रेस चुनिंदा सीटों पर पूरी ताकत से लड़ने की तैयारी में है। इसके पीछे सहयोगी दलों से तालमेल बिठाना भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी 20 से 22 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकेगी।

इनमें रायबरेली व अमेठी के साथ ही उसका जोर वाराणसी, महाराजगंज, कुशीनगर, फैजाबाद, डुमरियागंज, बांसगांव, गोंडा, श्रावस्ती, शाहजहांपुर, खीरी, कानपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, फर्रुखाबाद, बाराबंकी व मुरादाबाद समेत कुछ अन्य सीटों पर होगा।


कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठी को ही जीत पाई थी। इस बार वह निश्चित ही अपनी सीटों का आंकड़ा दहाई के अंक में लाने की जुगत में है। इसके लिए पार्टी जातीय समीकरणों के साथ ही अपने पूर्व प्रदर्शन को आधार मानकर सीटों का चयन करेगी।

2004 में कांग्रेस ने जीतीं थींं 9 सीट 

वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं, जिनमें शाहजहांपुर से जितिन प्रसाद जीते थे, जो अब भाजपा में आ गए हैं। इसके अलावा रायबरेली, अमेठी, बांसगांव, वाराणसी, कानपुर, मथुरा, अलीगढ़ व हापुड़ में कांग्रेस का परचम लहराया था।


वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अमेठी व रायबरेली समेत 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें मुरादाबाद, खीरी, धरौरा, उन्नाव, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, कानपुर, अकबरपुर, झांसी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, महाराजगंज, कुशीनगर व बरेली में जीत दर्ज की थी। पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो सपा-बसपा गठबंधन के चलते कांग्रेस ने कई सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। जबकि कई ऐसी सीटें थीं, जिसमें उसके प्रत्याशी तीसरे नंबर पर थे।


कई जगह कांग्रेस के दिग्गज रहे तीसरे स्थान पर

रामपुर में सपा के आजम खां जीते थे और कांग्रेस के संजय कपूर तीसरे स्थान पर थे। ऐसे ही बरेली, शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, फर्रुखाबाद, बाराबंकी, फैजाबाद, डुमरियागंज, बस्ती व कुशीनगर में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे थे। बिजनौर में भाजपा जीती थी और कांग्रेस के नसीमुद्दीन तीसरे पायदान पर रहे थे।


अमेठी में राहुल गांधी व कानपुर में श्रीप्रकाश जायसवाल दूसरे स्थान पर रहे थे। बांसगांव में कांग्रेेस प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था और इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ने जीत दर्ज की थी।


पीलीभीत सीट से भाजपा के वरुण गांधी जीते थे और सपा प्रत्याशी दूसरे नंबर थे और तीसरे नंबर पर सबसे अधिक नोटा वाेट की संख्या रही थी। कांग्रेस ने दो बार वाराणसी से प्रधानमंत्री के विरुद्ध चुनाव लड़ चुके अजय राय को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अब उसका निशाना सवर्ण वोट बैंक के साथ मुस्लिम मतदाताओं पर अधिक होगा।

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