नए संसद भवन का इनॉगरेशन:प्रधानमंत्री मोदी ने सेंगोल को दंडवत प्रणाम किया, स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित किया

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हवन और मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन किया। पूजन के बाद तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने PM मोदी को सेंगोल सौंपा। प्रधानमंत्री ने साष्टांग प्रणाम के बाद इसे संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित किया। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला उनके साथ मौजूद थे।

सेंगोल स्थापना के बाद PM मोदी ने श्रमयोगियों का सम्मान किया, जो संसद के निर्माण में शामिल थे। इसके बाद सर्वधर्म सभा हुई। प्रार्थना सभा में केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे।

PM मोदी सुबह 7:30 बजे संसद पहुंचे और सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया और फिर पूजन में शामिल हुए। हवन-पूजन और सेंगोल स्थापना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया- आज का दिन हम सभी देशवासियों के लिए अविस्मरणीय है। संसद का नया भवन हम सभी को गर्व और उम्मीदों से भर देने वाला है।


शाहरुख-अक्षय ने नई संसद के वीडियो को दी आवाज


उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने पार्लियामेंट बिल्डिंग के वीडियो के लिए सभी से वॉयस ओवर देने की अपील की थी। इसके बाद शाहरुख खान, अक्षय कुमार और अनुपम खेर जैसे सेलेब्रिटीज ने इस वीडियो में अपनी आवाज दी। मोदी ने ट्वीट कर शाहरुख और अक्षय कुमार के वॉयस ओवर की तारीफ की।


नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक

नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।

भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।


संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का

प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।

पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।

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