पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले की जांच करने धर्मशाला गए एसआईटी के कुछेक सदस्य शिमला लौट आए हैं। मुख्य सरगना तक पहुंचने के लिए एसआईटी कड़ियां जोड़ने में लगी है। इसको लेकर आरोपी अभ्यर्थियों और परिजनों के बैंक खाते भी खंगाले जा रहे हैं।
पुलिस कांस्टेबल लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोपी अभ्यर्थियों और परिजनों के मोबाइल कब्जे में लिए हैं। इनकी लिखित परीक्षा से पहले किन-किन व्यक्तियों से बात हुई है, फोरेंसिक लैब (प्रयोगशाला) जुन्गा में इसकी जांच की जाएगी। मंगलवार को इनके मोबाइल फोरेंसिक लैब भेजे जा सकते हैं। पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक मामले की जांच करने धर्मशाला गए एसआईटी के कुछेक सदस्य शिमला लौट आए हैं।
मुख्य सरगना तक पहुंचने के लिए एसआईटी कड़ियां जोड़ने में लगी है। इसको लेकर आरोपी अभ्यर्थियों और परिजनों के बैंक खाते भी खंगाले जा रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि लिखित परीक्षा से पहले इनके खाते से कितना लेन-देन हुआ है। जिला स्तर पर भी मामले की छानबीन जारी है। पुलिस को अंदेशा है कि पेपर धर्मशाला, ऊना में ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों के अभ्यर्थियों को भी रटाया गया होगा? ऐसे में 65 नंबर से ज्यादा अंक लेने वाले अभ्यर्थियों की दसवीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट भी देखी जा रही है। अब तक इस मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्जकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामला: पुलिस के रडार पर आए कोचिंग सेंटर
कांस्टेबल भर्ती लिखित परीक्षा पेपर लीक मामले में जिले में चल रहे सभी कोचिंग सेंटर पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस की दबिश से कोचिंग सेंटर संचालकों में हड़कंप मच गया है। पुलिस टीम जिले भर में चल रहे कोचिंग सेंटरों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। कांगड़ा पुलिस ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में दसवीं और जमा दो कक्षा में प्राप्त अंकों की अपेक्षा लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शक के दायरे में लिया है। कई अभ्यर्थी अधिक अंक लाने का कारण कोचिंग सेंटरों में पढ़ाई को बता रहे हैं। ऐसे में पुलिस कोचिंग सेंटरों को जांच में शामिल करने जा रही है। वहीं दूसरी ओर विशेष अन्वेषण दल की टीमें पहले ही चंडीगढ़, पंचकूला, हरियाणा आदि क्षेत्रों के लिए रवाना की गई हैं।
भर्ती रद्द न होती तो कई अभ्यर्थी पहन लेते खाकी
प्रदेश सरकार को पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में पकड़े गए अभ्यर्थियों के बाद भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा। अगर यह परीक्षा रद्द न होती तो अन्य जिलों में भी परीक्षा से पहले पेपर प्राप्त कर चुके अभ्यर्थी खाकी पहन लेते।