राजस्थान के झुंझुनूं में लगातार बढ़ रहा है तेंदुओं का कुनबा, बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी

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 राजस्थान के झुंझुनूं में लगातार बढ़ रहा है तेंदुओं का कुनबा, बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी



 राजस्थान में झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी के वन क्षेत्र में तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उदयपुरवाटी के मणकसास, खोह, मनसा माता की पहाडियों में जयपुर से रेस्क्यू कर लाए तेंदुए को छोड़ा गया। इसके बाद तेंदुए की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। उप वन संरक्षक राजेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि अब मनसा वन क्षेत्र में नौ तेंदुए हो गए हैं। इसके अलावा करीब 10 तेंदुए खेतड़ी वांशियाल क्षेत्र में हैं। खेतड़ी वन्य अभ्यारण्य और मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व को लेपर्ड सफारी पार्क बनाने की तैयारी चल रही है। 


हुड्डा ने बताया कि जिले में तेंदुए की बढ़ती संख्या से अब इन्हें देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके लिए खेतड़ी में अभयारण्य बनाने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व को लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में लोग यहां आकर न केवल घूमने का आनंद उठा सकेंगे बल्कि वाइल्ड लाइफ को समझ भी सकेंगे। 


कई जिलों से लाकर छोड़े गए तेंदुए


हुड्डा ने बताया कि सरकार से 79 लाख रुपये मिले हैं, जिनसे कदम कुंड और भोजगढ़ में दो चौकियां और ट्यूबवेल समेत कई निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। इस इलाके में तेंदुओं की संख्या बढ़ रही है। यहां पर सरिस्का अलवर, सीकर के अजीतगढ़ और हनुमानगढ़ जिले से लाकर तेंदुओं को छोड़ा गया है। मनसा माता कंजर्वेशन रिजर्व को लेपर्ड कंजर्वेशन एरिया के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की व्यवस्था कर पाना मुश्किल होता है। इसलिए तय किया गया है कि जो ट्यूबवेल स्थापित किए जा रहे हैं वो सोलर से चलेंगे। वहीं गार्ड चौकियां भी सोलर से जोड़ी जा रही हैं ताकि जो कर्मचारी चौकियों में रह रहे हैं, उन्हें बिजली के लिए परेशानी ना हो। 


कदम कुंज और भोजगढ़ में भी बनेगी चौकी


जानकारी के मुताबिक, पूरे क्षेत्र में पांच से छह चौकियां स्थापित करने की योजना है। जिसके तहत खोह, पौंख, घाट में चौकी स्थापित की जा चुकी हैं। वहीं कदम कुंड और भोजगढ़ में भी चौकी स्थापित होगी। सरकार ने 102.31 वर्ग किमी वन भूमि को वन्य जीवों के लिए संरक्षित किया था। इसके लिए मनसा की पहाडियां, खोह बागोरा, कांकरिया मैन, धनावता, जैतपुरा, भोजगढ़, पौंख, किशोरपुरा सहित वन क्षेत्र इलाके में चारदीवारी बनाकर पेयजल व्यवस्था व अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए वन विभाग से 18 नवंबर 2019 में मिली 10 वर्षीय प्रबंधन योजना को स्वीकृति के बाद प्लान तैयार किया गया है। खेतड़ी के बीलवा, उसरिया की ढाणी, समदेड़ा तालाब क्षेत्र, पांडेता भैरू मंदिर तथा अन्य क्षेत्र में तेंदुओं ने अपना क्षेत्र बना लिया है।

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