85वीं मन की बात:मोदी ने भारत के भविष्य को लेकर युवाओं के सपनों का जिक्र किया, बोले- भ्रष्टाचार के दीमक को खत्म करें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। 2022 में यह 'मन की बात' का पहला एपिसोड है। PM मोदी ने कहा- आज बापू की शिक्षा को याद करने का दिन है। पीएम ने भारत के भविष्य को लेकर युवाओं के सपनों का भी जिक्र किया। साथ ही यह भी अपील कि भ्रष्टाचार की दीमक से मुक्त हों।

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नेशनल वॉर मेमोरियल जाने की अपील

PM ने कहा कि हमने गणतंत्र दिवस पर देश के शौर्य और सामर्थ्य की झांकी देखी। अब गणतंत्र का समारोह 8 दिन तक 23 जनवरी यानी नेताजी की जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी यानी गांधीजी की पुण्यतिथि तक चलेगा। हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप अमर जवान ज्योति और पास में नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति को एक किया गया।

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इस भावुक अवसर पर शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे। मुझे सेना के कुछ पूर्व जवानों ने लिखा कि शहीदों की स्मृति के सामने प्रज्ज्वलित ज्योति शहीदों की अमरता का प्रतीक है। जब भी अवसर मिले तो अपने परिवार और बच्चों को नेशनल वॉर मेमोरियल जरूर ले जाएं। आपको अलग ऊर्जा और प्रेरणा का अनुभव होगा।

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बाल पुरस्कार और पद्म अवॉर्ड विजेताओं को सराहा

इस दौरान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी दिए गए। ये उन बच्चों को मिले, जिन्होंने साहसिक कार्य किए हैं। इनके बारे में हमें बच्चों को जरूर बताना चाहिए। अभी पद्म सम्मान का भी जिक्र हुआ है। इनमें ऐसे नाम भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इन हीरोज ने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं।

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उत्तराखंड की बसंती देवी के पति का निधन कम उम्र में हो गया। वे आश्रम में रहने लगीं। उन्होंने नदी बचाने का काम किया और पर्यावरण के लिए असाधारण काम किया। मणिपुर की बिनोदेवी दशकों से लोकल आर्ट का संरक्षण कर रही हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह ने बैगा आदिवासियों की नृत्य कला को बचाया।


एक करोड़ बच्चों ने लिखे खत

PM ने कहा कि मुझे एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात लिखकर भेजी है। ये देश-विदेश से आए हैं। इनमें से काफी पोस्टकार्ड को पढ़ने की कोशिश की है। गुवाहाटी से रिद्धिमा ने लिखा कि वे आजादी के 100वें साल में ऐसा भारत देखना चाहती हैं, जो दुनिया का सबसे स्वच्छ देश हो, आतंकवाद से मुक्त हो, 100 फीसदी साक्षर हो।


मैं कहता हूं कि हमारी बेटियां जो सपने देखती हैं, वे पूरे होते ही हैं। आपकी युवा पीढ़ी लक्ष्य बनाकर काम करेगी, तो भारत वैसा ही होगा, जैसा चाहती हैं।


उत्तर प्रदेश की नव्या लिखती हैं कि 2047 में ऐसा भारत देखना चाहती हैं, जहां सम्मान सभी को मिले, किसान खुशहाल हो और भ्रष्टाचार न हो। इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

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