PM Kisan Scheme Mobile App: जल्द आने वाली है पीएम किसान की 8वीं किस्त, अब घर बैठे चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस

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PM Kisan Scheme का लाभ उठाने के लिए आपको अपने फोन में PM Kisan Mobile App डाउनलोड करना होगा. यहां हम आपको डाउनलोड करने और स्टेटस चेक करने का तरीका बता रहे है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी किसानों को 6,000 रुपये सलाना दिए जा रहे हैं, जिन्हें 2,000-2,000 रुपये की तीन किस्तों में भेजा जा रहा है. अगर आप भी इस स्कीम के तहत लाभार्थी किसान हैं तो अभी तक आपको 7 किस्तें प्राप्त हो चुकी होंगी. वहीं अब जल्द ही किसानों के खाते में 8वीं किस्त भी जल्द ही ट्रांसफर की जाएगी. सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए PM Kisan Scheme Mobile App भी जारी किया है जहां आप घर बैठे इसके लिए अप्लाई करने के लिए साथ ही आप अपना स्टेटस भी चेक कर सकते हैं. आइए जानते हैं PM Kisan Scheme Mobile App को डाउनलोड करने और स्टेटेस चेक करने का तरीका...

बता दें कि हाल ही में डिजिटल इंडिया के ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया गया है. जिसमें जानकारह दी गई है कि PMKISAN योजना के तहत सभी किसान लाभार्थी अब PM-KISAN मोबाइल ऐप के माध्यम से भी डिजिटल रूप से अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं. इस योजना ने अपनी 8वीं किस्त के माध्यम से 9.5 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ से अधिक जारी किए हैं

PM Kisan Scheme Mobile App Aese install kare

  1. अगर आप पास स्मार्टफोन हैं तो आप गूगल प्ले स्टोर पर जाकर PM Kisan Scheme Mobile App सर्च करें और उसे डाउनलोड करें.
  2. यह आपको ऐप PM Kisan नाम से मिलेगा. डाउनलोड होने के बाद आपको यहां कई विकल्प मिलेंगे. इसमें आपको सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  3. रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको यहां होम पेज पर ही आधार कार्ड एडिट करने से लेकर इंस्टॉलमेंट चेक करने तक कई विकल्प मिलेंगे.
  4. अगर आप इंस्टॉलमेंट से जुड़ा स्टेटस चेक करना चाहते हैं तो आपको इंस्टॉलमेंट चेक के विकल्प पर क्लिक करना है.
  5. इसके बाद एक पेज ओपन होगा जहां बेनिफिशरी स्टेटस में आपको अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर या अकाउंट नंबर एंटर करना होगा.
  6. इसे एंटर करने के बाद आपके सामने इंस्टॉलमेंट से जुड़ी जानकारी ओपन हो जाएगी.
  7. सरकार द्वारा इस ऐप को किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है ताकि किस्त की जानकारी के उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें


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