कांग्रेस vs कांग्रेस:सिब्बल बोले- कांग्रेस ने शायद हार को नियति मान लिया; गहलोत बोले- अंदर का मामला बाहर लाना गलत

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बिहार चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर पार्टी के अंदर ही विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के टॉप लीडरशिप यानी सोनिया और राहुल गांधी पर निशाना साधा। कहा कि पार्टी ने शायद हर चुनाव में हार को ही नियति मान लिया है। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया-राहुल का बचाव करते हुए सिब्बल पर पलटवार किया है। गहलोत ने कहा- पार्टी के अंदर का मामला बाहर लाना गलत है।

गहलोत ने ट्वीट किया, ''कपिल सिब्बल को मीडिया के सामने हमारे आंतरिक मुद्दे का जिक्र करने की कोई जरूरत नहीं थी। इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।'' एक अन्‍य ट्वीट में गहलोत ने लिखा, ''कांग्रेस ने 1969,1977,1989 और बाद में वर्ष 1996 में कई तरह के संकटों का सामना किया। इसके बावजूद हर बार हम अपनी विचारधारा, कार्यक्रम, नीतियों और पार्टी नेतृत्व में विश्वास के चलते मजबूत बनकर उभरे हैं।'

सिब्बल ने कहा था- शायद टॉप लीडरशिप को सब ठीक लग रहा
सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, "बिहार के चुनावों और दूसरे राज्यों के उप-चुनावों में कांग्रेस की परफॉर्मेंस पर अब तक टॉप लीडरशिप की राय तक सामने नहीं आई है। शायद उन्हें सब ठीक लग रहा है और इसे सामान्य घटना माना जा रहा है। मेरे पास सिर्फ लीडरशिप के आस-पास के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।"

'जनता शायद कांग्रेस को असरदार नहीं मान रही'
सिब्बल का कहना है कि बिहार और उप-चुनावों के नतीजों से ऐसा लग रहा है कि देश की जनता कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रही है। गुजरात उपचुनाव में हमें एक सीट नहीं मिली। लोकसभा चुनाव में भी यही हाल रहा था। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को 2% से भी कम वोट मिले। गुजरात में हमारे 3 कैंडिडेट्स की जमानत जब्त हो गई।

'पार्टी लीडरशिप कमजोरियों को कबूलना नहीं चाहती'
सिब्बल ने कहा कि पार्टी ने 6 सालों में आत्ममंथन नहीं किया तो अब इसकी उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हमें कमजोरियां पता हैं, यह भी जानते हैं संगठन के स्तर पर क्या समस्या है। शायद समाधान भी सबको पता है, लेकिन इसे अपनाना नहीं चाहते। अगर यही हाल रहा तो पार्टी को नुकसान होता रहेगा। कांग्रेस की दुर्दशा से सबको चिंता है।

'कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सुधार की जरूरत'
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के मेंबर नॉमिनेटेड हैं। CWC को पार्टी के कॉन्स्टीट्यूशन के मुताबिक डेमोक्रेटिक बनाना होगा। आप नॉमिनेटेड सदस्यों से यह सवाल उठाने की उम्मीद नहीं कर सकते कि आखिर पार्टी हर चुनाव में कमजोर क्यों हो रही है?

सिब्बल पहले भी पार्टी लीडरशिप पर सवाल उठा चुके हैं
सिब्बल समेत कांग्रेस के 24 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। अगस्त में हुई CWC की मीटिंग में इस चिट्ठी को लेकर हंगामा भी हुआ था। राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को भाजपा के मददगार बता दिया था।

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