लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने पर ट्विटर का जवाब नाकाफी; यह ऐसा जुर्म, जिसमें 7 साल तक सजा

Kailash
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भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के सामने बुधवार को ट्विटर के प्रतिनिधि पेश हुए। उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाने वाली पोस्ट पर जवाब दिया। हालांकि, समिति इस जवाब से संतुष्ट नहीं है। समिति ने कहा कि ट्विटर का जवाब नाकाफी है और यह ऐसा अपराध है, जिसमें 7 साल तक की सजा हो सकती है।

लेखी ने कहा कि ट्विटर के रिप्रेजेंटेटिव डाटा प्रोटेक्शन बिल की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए। इनमें ट्विटर इंडिया की सीनियर मैनेजर पब्लिक पॉलिसी शगुफ्ता कामरान, कानूनी सलाहकार आयुषी कपूर, पॉलिसी कम्युनिकेशन पल्लवी वालिया और कॉरपोरेट सिक्युरिटी के मनविंदर बाली शामिल थे।

मामला केवल संवेदनशीलता का नहीं, यह भारत की अखंडता का मामला
उनसे कमेटी के सदस्यों ने लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाए जाने पर सवाल किया। ट्विटर ने समिति को बताया कि हम भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेखी ने कहा कि यह केवल संवेदनशीलता का मामला नहीं है। यह भारत की संप्रभुता और अखंडता का मसला है। समिति के सामने मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के अधिकारी भी पेश हुए।

ट्विटर पहले भी मांग चुका है माफी
ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म की जियो टैग लोकेशन में लद्दाख की राजधानी लेह और जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा दिखाया था। इस पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। केंद्र ने ट्विटर के CEO जैक डोरसी को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि इस तरह की हरकतों से ट्विटर की पारदर्शिता पर सवाल उठता है। इसके बाद ट्विटर ने माफी भी मांगी थी।

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