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एसटीएफ ने तय कर लिया था विकास दुबे को मारना है, एडीजी और एसटीएफ आईजी ने संभाला पूरे ऑपरेशन का मोर्चा

एसटीएफ ने तय कर लिया था विकास दुबे को मारना है, एडीजी और एसटीएफ आईजी ने संभाला पूरे ऑपरेशन का मोर्चा

  • पुलिस का कहना है कि कार के पलटने के बाद विकास ने भागने की कोशिश की और इस दौरान वह मुठभेड़ में मारा गया।


कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यह तो साफ था कि अगर विकास दुबे यूपी पुलिस के हत्थे चढ़ा तो एनकाउंटर में मारा जाएगा। लेकिन, उज्जैन में नाटकीय तरीके से गिरफ्तार होने के बाद माना जा रहा था कि अब पुलिस के लिए विकास का एनकाउंटर आसान नहीं होगा। लेकिन, उज्जैन में गिरफ्तारी की अगली सुबह ही विकास का एनकाउंटर कर दिया गया। इससे पहले विकास के पांच साथियों को भी एनकाउंटर में मारा गया था।

शासन स्तर से पुलिस को दिया गया था फ्री हैंड
साथियों की हत्या के बाद पूरे प्रदेश की पुलिस फोर्स में रोष था। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के शीर्ष नेतृत्व ने तय कर लिया था कि बिकरु शूटआउट से जुडे़ सभी आरोपियों का एनकाउंटर किया जाएगा। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री की ओर से पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को इस मामले में अपने तरीके से काम करने की छूट दी गई।

ये पुलिस अफसर कर रहे थे लीड
बिकरु हत्याकांड के बाद उप्र सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी। मीडिया और विपक्ष की ओर से लगातार सवाल उठ रहे थे। इसके बाद विकास और उसके साथियों की तलाश के अभियान से एसटीएफ जुड़ी। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश को मुख्यमंत्री योगी का करीबी और विश्वसनीय अफसर माना जाता है। विकास को तलाशने का पूरा अभियान अमिताभ यश के निर्देश पर चलाया जा रहा था। वहीं, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार इस पूरे ऑपरेशन को गाइड कर रहे थे।

आईजी के पहुंचने के थोड़ी देर बाद दो को मार गिराया
बिकरु हत्याकांड के बाद एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश घटनास्थल पर पहुंचे और इसके थोड़ी देर बाद सूचना आई कि विकास के दो साथियों का एनकाउंटर कर दिया गया है। दो दिन पहले विकास के दो और साथी प्रभात मिश्रा और बौआ दुबे भी बेहद नाटकीय ढंग से इटावा और कानपुर में मारे गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों एनकाउंटर्स की पटकथा को भी एसटीएफ आईजी का इशारा था। कहा जा रहा है कि सभी एनकाउंटर की कहानी एक जैसी न लगे इसके लिए यह तक तय था कि किसका एनकाउंटर इटावा पुलिस और किसका एनकाउंटर एसटीएफ करेगी।
पहले उज्जैन से चार्टर्ड प्लेन से विकास को लाने की बात सामने आई थी
यूपी पुलिस दिन-रात एक करके विकास दुबे को ढूंढ रही थी, लेकिन उज्जैन में उसकी नाटकीय गिरफ्तारी और मीडिया की पैनी नजर के चलते पुलिस के लोग भी मान रहे थे कि अब विकास का एनकाउंटर मुश्किल होगा। लेकिन एसटीएफ की ओर से यह तय किया जा चुका था कि विकास का एनकाउंटर करना है। बताया जाता है कि शासन ने भी इसकी हरी झंडी दे दी थी। इसीलिए विकास को चार्टर्ड प्लेन से लाने की बात चर्चा में होने के बाद भी उसे सड़क मार्ग से लाया गया।
कोर्ट में विकास को नहीं किया गया पेश
इस बात की भी कोशिश की गई कि मध्य प्रदेश में विकास दुबे मजिस्ट्रेट के सामने न पेश किया जाएं क्योंकि इससे कानूनी अड़चन आ सकती थी। हुआ भी यही, उज्जैन पुलिस ने बिना कोर्ट में पेश किए विकास को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया। एनकाउंटर के बाद के मैनेजमेंट और मीडिया के सवालों के जवाब देने के लिए कानपुर पुलिस को आगे किया गया।
एडीजी ने कहा था- हत्याकांड के आरोपियों को ऐसी सजा देंगे जो नजीर बनेगी
कानपुर हत्याकांड से लेकर विकास एनकाउंटर तक यूपी पुलिस लगातार सवालों के घेरे में रही है। इन सवालों का जवाब देने और सरकार का बचाव करने के लिए एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मोर्चा संभाला। दो दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि कानपुर हत्याकांड के आरोपियों को ऐसी सजा दी जाएगी जो नजीर बनेगी। इस बयान से ही साफ हो जाता है कि यूपी पुलिस किसी भी हाल में विकास दुबे के एनकाउंटर का मूड बना चुका थी।

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