3 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम सोमवार भी है और इसी दिन देशभर में रक्षाबंधन (Rakshabandhan ) का पर्व भी मनाया जाएगा। रक्षाबंधन पर इस बार ऐसे विशेष योग बन रहे हैं जिनका निर्माण 29 साल बाद हो रहा है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधकर अपने भाई के लम्बी उम्र की कामना करती हैं। लेकिन कई बार अंजाने में बहनें अपने भाई को ऐसी राखियां न बांध देंती है जिससे उनपर उसपर मुसीबत आ सकती है। इसलिए आज हम आपको बताते हैं कौन सी है वो राखियां जिन्हें आपको अपने भाई (Brother) की कलाई पर बिल्कुल भी नहीं बांधनी चाहिए।
खंडित राखी (Rakhi)
खंडित राखी को भाई के कलाई पर नहीं बांघनी चाहिए। कभी कभार बाजार से राखियां लाने में टूट जाती हैं और हम उसे वापस जोड़कर सही कर लेते हैं लेकिन हमे इसका प्रयोग भाई की कलाई पर नहीं करना चाहिए।
अशुभ चिन्हों वाली राखियां (Rakhi)
Fashion And Trend को देखते हुए मार्केट से राखियां खरीद लेते हैं। लेकिन वह ये बाते ध्यान नहीं रखते कि हिंदू धर्म में कई सारे चिन्हों को अशुभ बताया गया है। जिनका शुभ मुहूर्त में इस्तेमाल करने पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं या वह दिन अशुभ हो सकता है।
काले रंग से रहें दूर
सनातन धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है। इसलिए रक्षाबंधन पर अपने भाई के हाथ में काले रंग की राखी (Rakhi) बिल्कुल न बांधे। शास्त्रों की माने तो काले रंग का सीधा संबंध शनि देव से होता है। शनि देव को हमेशा हर काम में विलम्ब करने वाला ग्रह माना जाता है।
प्लास्टिक की राखियां (Rakhi)
भाई की कलाई पर प्लास्टिक की राखी बिल्कुल न बांधे। ऐसा इसलिए क्योंकि प्लास्टिक अशुद्ध माना जाता है। यह जानवरों की चर्बी और हड्डियों से बनाया जाता है। इसके साथ ही प्लास्टिक को केतु का पदार्थ माना जाता है और ये अपयश को बढ़ाता है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन प्लास्टिक की राखियों से बचें।
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